कठोर ह्रदयी समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर क्यों विचलित हो उठी?

दुलारी अपने कठोर व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थी लेकिन दुलारी का हृदय एकदम मोम जैसा था। वह एक अकेली औरत थी। इसलिए वह अपनी रक्षा के लिए सबके साथ कठोर व्यवहार करती थी। परन्तु अंदर से वह बहुत नरम दिल महिला थी। टुन्नू जो उसे बहुत प्यार करता था। उसके लिए दुलारी के दिल में बहुत खास जगह थी लेकिन वह हमेशा टुन्नू पर झुझुलाती, गुस्सा करती उसे दुत्कारती|

दुलारी इसलिए भी टुन्नू पे झुझुलाती थी क्योंकि वह दुलारी से उम्र मे छोटा था लेकिन दुलारी के मन मे टुन्नृ के लिए एक अलग ही जगह थी। उसने जान लिया था कि टुन्नू उसके शरीर का नहीं , बल्कि उसकी गायन कला का प्रेमी था। टुन्नू की मृत्यु का समाचार सुनकर उसका ह्रदय दर्द से फटने लगा। किसी के लिए नहीं पिघलने वाला दुलारी का कठोर ह्रदय आज टुन्नू के मरने पर विचलित हो उठा और दुलारी ने टुन्नू की दी हुई खादी की धोती पहन ली।


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